कृषि विज्ञान केन्द्र, बाढ़ में विश्व मृदा दिवस का आयोजन
Samvad AapTak:दिनांक 05 दिसंबर 2025 को कृषि विज्ञान केन्द्र, बाढ़, पटना में विश्व मृदा दिवस पर एक दिवसीय जागरूकता सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम का उदेश्य 05 दिसंबर को खाद्य एवं कृषि संगठन द्वारा मृदा दिवस बढ़ती जनसंख्या के कारण मिटटी के उर्वरता एवं उत्पादकता को टिकाऊ बनाने रखने की दिशा में काम करने, लोगों को मृदा स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करने तथा संसाधन के रूप में मिटटी के स्थायी प्रबंधन की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस बार विश्व मृदा दिवस 2025 की थीम Theme - Healthy soils for Healthy cities है।
इस कार्यक्रम शुभारंभ डाo रीता सिंह, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान, श्री राजीव कुमार, विषय वस्तु विषेशज्ञ (मृदा विज्ञान), डाo पुष्पम पटेल, विषय वस्तु विषेशज्ञ (उद्यान), ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलीत कर किया। डाo रीता सिंह, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान ने अपने संबोधन में बतलाया कि 05 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है, इसका मुख्य घटक लोगों को स्वस्थ मिट्टी के महत्व के बारे में जागरूक करना है। आज खेतों में किसानों द्वारा अत्याधिक रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाइयों का इस्तमाल किया जाता है जिसके फलस्वरूप मिट्टी के जैविक गुणों में कमी आ रही है और मिटटी की उपजाऊ क्षमता घटती जा रही है। जो खाद्य सुरक्षा, पेड़-पौधों के विकास, कीड़ों और जीवों के जीवन और आवास व मानव जाति के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है ऐसे में मिटटी का संरक्षण काफी आवश्यक हो गया है। श्री राजीव कुमार ने अपने संबोधन में बतलाया कि प्रति वर्ष 5 दिसंबर को खाद्य एवं कृषि संगठन द्धारा विश्व मृदा दिवस बढ़ती जनसंख्या के कारण मिट्टी संरक्षण करने की दिशा में काम करने, लोगों को मृदा स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करने तथा संसाधन के रूप में मिट्टी के स्थायी प्रबंधन की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। डाo पुष्पम पटेल ने इस अवसर पर मिट्टी जाँच का महत्व एवं उसके आधार पर उर्वरक उपयोग कि महत्व को बतलाया। वैश्विक स्तर पर विश्व मृदा दिवस को फूड एवं एग्रीकल्चर आर्गेनाइजेशन द्वारा व्यापक तौर पर मिट्टी संरक्षण और इसकी थीम का पालन करते हुए मनाया जाता है। इस दौरान देश-विदेश में मिट्टी के महत्व और इसके संरक्षण के बारे में किसानों के बीच जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाता है। इस कार्यक्रम में जिले के विभिन्न प्रखंडों से 52 प्रगतिशील कृषकों ने भाग लिया एवं 20 किसानों को मृदा स्वास्थ कार्ड उपलब्ध कराया गया। श्रीमती संगीता कुमारी विषय वस्तु विषेशज्ञ (पौधा प्रजनन एवं अनुवांशिक) एवं डाo प्रकाश चंद्र गुप्ता, कार्यक्रम सहायक (प्रयोगशाला) एवं अन्य कार्यालय कर्मियों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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