विद्यापति महोत्सव में पूर्णिमा श्रेष्ठा के ठुमके पर थिरकते रहे श्रोता

 सैयां के साथ मड़ैया में... बड़ा मजा आवे रजइया में....


विद्यापति महोत्सव के पहले दिन जोसे ही चुलबुली और मखमली आवाज की मालिक वॉलीबुड की पार्श्व गायिका पूर्णिमा श्रेष्ठ मंच से गाना शुरू की उपस्थित श्रोता झूमने लगे। पूर्णिमा की  गीतों पर  हज़ारों की भीड़  देर तक थिरकेंगी रही। पूर्णिमा ने अठारह बरस की—, क्या हुआ तेरा वादा.., वो क़सम वो इरादा.. इसके अलावे गायिका ने श्रोताओं के बीच जाकर अपनी गीत झुमका गिरा रे, बरैली के बाज़ार में... और परदे में रहने दो—— जैसी सुरीली गीतों पर सिटी के साथ खूब तलिया बजी। वही सोना कितना सोना है सोने जैसा तेरा मन और टिप टिप वर्षा पानी, पानी में आग.. जैसी गीतों की अदाकारी आवाज पर श्रोताओं ने जमकर सीटियां बजाई। पूर्णिमा ने चूड़ी टूट चने के खेत में... सैया के साथ मरैया में.. बड़ा मजा आवे रजाइया में.. सरकाई लो खटिया जाड़ा लगे... जाड़े में बलमा प्यारा लगे... जैसे गीतों को गा कर युवाओं का दिल जीत लिया, परंतु वहां मौजूद बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ऐसे संगीत की प्रस्तुति पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि विद्यापति जी के नाम पर सांस्कृतिक आयोजन में इस प्रकार का संगीत प्रस्तुत करना कहीं से भी उचित नहीं है। आम जनमानस में कार्यक्रम को लेकर खूब चर्चा होती रही। मौक़े पर एसडीओ प्रियंका कुमारी, डीएसपी विवेक कुमार शर्मा, धीरेंद्र सिंह, सीओ कुमार हर्ष, बीडीओ महताब अंसारी, दिनेश राय, मनोरंजन मिश्र, कपिलेश्वर कुवाँर, सतीश गिरी, नवल गिरी, चतुरानन गिरी, रामानन्द गिरी, भोला गिरी, थानाध्यक्ष फ़िरोज आलम आदि थे।


रिपोर्ट; विकास कुमार पाण्डेय//समस्तीपुर 

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