वैज्ञानिकों के दल का टाल क्षेत्र में लगे फसलों का निरीक्षण
संवाद आपतक:दिनांक 13.11.2024 को कृषि विज्ञान केन्द बाढ, पटना एवं दलहन अनुसंधान केन्द्र, मोकामा के संयुक्त तत्वाधान में वैज्ञानिकों के एक दल का नदवा टाल में निदानात्मक भ्रमण किया गया। वैज्ञानिकों के दल का नेतृत्व पौधा रोग विशेषज्ञ डाo रमेश नाथ गुप्ता कर रहे थे साथ में अन्य दो वैज्ञानिक श्री जितेन्द्र कुमार एवं श्री राजीव कुमार थे। इस वर्ष टाल क्षेत्र में मसूर, खेसारी एवं मटर अगात बुआई वाले खेतों में कजरा प्रजातियाँ की कीट का व्यापक प्रकोप देखा गया। ये कीट नोक्टुइडि परिवार का निशाचर कीट है जो दिन के समय में मिट्टी के अन्दर छुप कर रहते हैं एवं रात्रि के समय फसल को क्षति पहुँचाते हैं। किसान अपनी जानकारी या स्थानीय कीटनाशक विक्रेताओं के अनुशंसा पर कई प्रकार की कीटनाशक जैसे इमिडाक्लोप्रिड, क्लोरपायरिफास, एरेना एवं अन्य का स्प्रे कर रहे हैं परन्तु कीट की समस्या में कमी नही आ रही है। आज के दौरे में वैज्ञानिकों के दल ने इस कीट के व्यापक प्रकोप के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण बातें इस प्रकार हैं-
*1* . वैसे क्षेत्र जो वर्षा के समय डुब जाया करते थे इस वर्ष नहीं डुबने के कारण इस कीट को वैकल्पिक पौधे पर आश्रय लेकर उनकी संख्या बढती रही एवं रबी की बुआई के प्श्चात् फसल उगने पर इस कीट की व्यापक प्रकोप इन फसलों पर देखी गई।
*2* . हथिया नक्षत्र में वर्षा नही होने एवं कीटों की वृद्वि के लिए उपयुक्त वातावरण मिलने के कारण इनकी संख्या में काफी बढ़ोतरी पाई गयी।
*3* . किसानों द्वारा अनुसंशित विधि से बीज उपचार नही किया गया।
वैज्ञानिकों के दल ने इस समस्या के रोकथाम हेतु तत्काल निम्नलिखित सुझाव दिए:-
*1* . संक्रमित खेतों मे तत्काल कीटों की रोकथाम हेतु कोराजेन (क्लोरेन्टाªनिलीप्रोल 18.5%) @ 0.5 मिली प्रति लीटर पानी एवं स्टीकर के साथ सुबह या संध्या के समय अपने फसलों पर छिड़काव करें। 10 दिन पश्चात् पुनः इस दवा का छिड़काव करने से इसके प्रकोप को कम किया जा सकता है।
*2* . जिन किसानों के खेतों में व्यापक जड़ गलन बीमारी की समस्या है, उससे बचाव हेतु कार्बेन्डाजिम (12% मैनकोजेब (63%) आधारित फफूंदनाशक 02 ग्राम /लीटर पानी एवं स्टीकर के साथ छिड़काव करें।
*3* . वैसे किसान जो मसूर/चना/खेसारी/मटर की बुआई नही किये है वे बुवाई पूर्व अपने बीजों का उपचार इस प्रकार करें -
(क) सर्वप्रथम फफूंदनाशक दवा कार्बोक्सिम (37.5%)+ थिरम (37.5%) 2 ग्राम /किलो बीज की दर से उपचारित करें
(ख) फफूंदनाशक से उपचार से 12 घंटे बाद कीटनाशक- क्लोरपायरिफाॅस 20 EC 8 मि. ली. प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें।
(ग) कीटनाशक के उपचार के 36 घंटे के बाद राइजोबियम कल्चर 20 ग्राम /किलो की दर से उपचार कर 5-6 घंटे के बाद बुवाई करें।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें