12वें विद्यापति राजकीय महोत्सव की तैयारी शुरू
13 से 15 नवम्बर के बीच होगा त्रिदिवसीय आयोजन
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विद्यापतिनगर । मैथिल कोकिल विद्यापति की निर्वाण भूमि विद्यापतिधाम में कवि विद्यापति की जयंती पर बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले विद्यापति राजकीय महोत्सव की तैयारी शुरू हो गई है। तीन दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम का आयोजन 13 से 15 नवम्बर के बीच होना है। 12वैं विद्यापति राजकीय महोत्सव के आयोजन की सुगबुगाहट के बीच कार्यक्रम को लेकर लोगों की नाराज़गी भी मुखर होने लगी है। गत वर्ष के आयोजन में कम बजट के कलाकारों को बुलाने तथा कवि सम्मेलन के नाम पर महज खानापूर्ति किए जाने को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। लोग बताते हैं कि शुरूआती वर्षों में इस मंच पर अनुप जलोटा, अनुराधा पौडवाल, मैथिली ठाकुर, देवी आदि नामचीन कलाकार मंच साझा कर चुके हैं, लेकिन बीते वर्षों में कम बजट के कलाकारों को बुलाने से महोत्सव में श्रोताओं की उपस्थिति लगातार कम होती जा रही है।
विदित हो कि मैथिली साहित्य के शिखर के रूप में संपूर्ण विश्व में ख्याति प्राप्त विविद्यापति वैष्णव और शैव दोनों परंपराओं में अपनी रचनाओं के माध्यम से साहित्य जगत में अपनी अमिट पहचान बनाई है। इनकी रचनाओं ने न सिर्फ मैथिली साहित्य को समृद्ध किया, बल्कि भारतीय साहित्य के इतिहास में भी एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। विद्यापति ने मैथिली भाषा को साहित्यिक प्रतिष्ठा दिलाई। विद्यापति की कविता में शृंगार और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। उन्होंने राधा-कृष्ण के प्रेम को इतनी कोमलता और भावुकता से व्यक्त किया कि उनकी रचनाएं आज भी लोगों के दिलों को छू लेती हैं। लेकिन इतने बड़े कवि और साहित्यकार की जयंती पर होने वाले राजकीय महोत्सव में गत ग्यारह वर्षों से राष्ट्रीय स्तर के कवि सम्मेलन का आयोजन नहीं किया गया है, जिससे साहित्य प्रेमियों के साथ-साथ आम जनमानस में नाराजगी बनी रहती है। लोगों का कहना है कि इस बार विराट कवि सम्मेलन का आयोजन होने चाहिए।
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