बाया नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी, एक बार फिर गहराया बाढ़ का संकट। प्रखंड के चार पंचायतों के आधा दर्जन गांवों में घुसा बाढ का पानी, विद्यालय भी जलप्लावित
विद्यापतिनगर। एक बार फिर गंगा तथा सहायक बाया नदी के जलस्तर में तेजी से हुई वृद्धि के कारण प्रखंड के चार पंचायतों के आधा दर्जन गांवों में एक बार फिर बाढ का पानी भर जाने से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, जिससे आम लोगों के अलावा किसानों एवं पशुपालकों के बीच अफ़रा-तफ़री की स्थिति बनी हुई है। विदित हो कि 15 दिन पूर्व ही पानी कम होने के बाद लोग राहत महसूस कर रहे थे, वहीं अधिकांश पशुपालक अपने मवेशियों को लेकर घर लौट गए थे। किसान खेत सूखने के बाद अगला फसल लगाने की तैयारी में थे। इसी बीच पिछले तीन दिनों से गंगा और बाया नदी में तेजी से हो रही वृद्धि के कारण प्रखंड के शेरपुर ढेपुरा, मऊ धनेशपुर दक्षिण, बालकृष्ण पुर मड़वा तथा वाजिदपुर पंचायत के दियारा इलाके में करीब आधा दर्जन गांवों में बाढ का पानी घुस गया है। गांव से होकर निकले वाली सभी सड़कें पूरी तरह जलमग्न है, जिस कारण लोगों का घरों से निकलना दुश्वार हो गया है।
बाढ से घिर चुके लोगों ने बताया कि नाव उपलब्ध नहीं रहने की वजह से उनके समक्ष खाने-पीने की भी समस्या उत्पन्न हो गई है। उधर सबसे अधिक परेशानियों का सामना पशुपालकों को करना पड़ रहा है। पशुचारा की अनुपलब्धता के कारण किसान बेहद परेशान हैं। दूसरी ओर दियारा क्षेत्र में अवस्थित विद्यालयों में जलभराव हो जाने के कारण बच्चों की उपस्थिति प्रभावित हुई है। हालांकि बुधवार से ही शिक्षा विभाग द्वारा वर्ग एक से आठवीं तक के छात्र-छात्राओं की अर्धवार्षिक परीक्षा ली जा रही है, जिस कारण किसी प्रकार बच्चे विद्यालय पहुंचे थे। वहीं स्थानीय लोगों ने स्थानीय प्रशासन तथा सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस बाढ के कारण सैकड़ों किसानों की लाखों की फसल नष्ट हो गई, वहीं पशुपालकों के समक्ष चारा की समस्या है, परन्तु सरकार द्वारा इलाके को बाढ़ग्रस्त घोषित नहीं किया गया है, जो दुःख का विषय है।
रिपोर्ट; विकास कुमार पाण्डेय, समस्तीपुर
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