राम हैं करूणा के सागर : साध्वी मंजू लता

 


  विद्यापतिनगर । प्रखंड अंतर्गत मऊ बाजार स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर परिसर में आयोजित 8वें वार्षिकोत्सव यज को लेकर चल रहे श्रीराम कथा के तीसरे दिन गुरुवार को अयोध्या से आए कथा व्यास साध्वी देवी श्री मंजू लता ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की बाल लीलाओं का वर्णन उपस्थित श्रोताओं के समक्ष किया। राम कथा के दौरान उन्होंने बताया कि भगवान श्रीराम का जन्म अवध नरेश राजा दशरथ के यहां हुआ। श्रीराम के सभी अंग अत्यंत सुडौल और सुंदर थे। उनको देखते ही मन लुभा जाता था। राजा दशरथ और रानी कौशल्या के प्रेम में वशीभूत होकर श्री राम पवित्र बाल लीला करते थे। कथा के क्रम में उन्होंने कहा कि एक बार माता कौशल्या ने श्रीराम को स्नान और श्रृंगार करा कर झूला पर सुला दिया और स्वयं स्नान कर अपने कुलदेव की पूजा कर नैवेद्य भोग लगाकर पाक गृह गई। जब वह पुन: लौट कर पूजा स्थल पर आई तो उन्होंने देखा कि देवता को चढ़ाए गए नैवेद्य शिशुरूपी भगवान राम भोजन कर रहे हैं। जब उन्होंने झूला पर जाकर देखा तो वहां भी उन्होंने श्री राम को झूले पर सोते पाया। इस तरह पूजा स्थल और झूला के पास उन्होंने कई चक्कर लगाया और दोनों जगह पर उन्होंने श्रीराम को पाया। इस दृश्य को देखकर कौशल्या डर गई और कांपने लगी। माता की अवस्था देख श्री राम ने माता को अपना अद्भुत रूप दिखाया। उन्होंने दिखलाया कि उनके एक-एक रोम में करोड़ों ब्रह्मांड वसे हुए हैं। भगवान का विराट रूप देखकर कौशल्या माता प्रफुल्लित हो गई और आंखें मूंदकर भगवान के चरणों पर गिर गई। इस दौरान कथा सुनकर उपस्थित भक्त श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गई। लोगों के द्वारा भगवान श्री राम एवं लक्ष्मी नारायण के उद्घोष से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा।

       


 उधर लक्ष्मी नारायण यज्ञ समिति के द्वारा गुरुवार की संध्या केक काटकर भगवान का जन्मोत्सव मनाया गया। खचाखच भरे मंदिर परिसर में हर ओर भगवान की बधाई गीत गूंज रही थी, जिससे पूरा वातावरण भक्ति रस में सराबोर हो उठा।

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