कलयुग में मानव की मुक्ति का एक मात्र साधन श्रीमद्भागवत : निशा किशोरी
विद्यापतिनगर । प्रखंड मुख्यालय विद्यापति धाम के सन्यासी टोल में आयोजित महारूद्र यज्ञ में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास देवी निशा किशोरी ने उपस्थित भक्त-श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस कलयुग में भागवत भगवान की महिमा व संकीर्तन से ही मानव का कल्याण हो सकता है, कथा सुनने से मानव के नैतिक एवं चारित्रिक गुणों का विकास होता है, जिससे उनका जीवन धन्य हो जाता है। रविवार को कथा के दूसरे दिन भागवत पूजन एवं आरती के बाद साध्वी निशा किशोरी ने भागवत भक्त गोकर्ण व उसके अधर्मी भाई धुंधकारी के प्रसंग का व्याख्यान दिया । उन्होंने कहा कि धुंधकारी के गलत कार्यों में संलिप्त होने के कारण उसकी हत्या की गई थी और अकाल मृत्यु होने के कारण वह प्रेत योनि में चला गया । भाई गोकर्ण ने उसे प्रेत योनि से मुक्ति दिलाने और आत्मकल्याण के लिए सूर्य भगवान के बताए सूत्र पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया और भाई धुंधकारी को कथा सुनाई, जिसके श्रवण से धुंधकारी को प्रेत योनि से मुक्ति मिली। इससे स्पष्ट होता है कि कर्म व धर्म मनुष्य को संयमित और वेद रीति नीति से करना चाहिए। साथ ही भाई से रंजिश नहीं रखना चाहिए, क्योंकि आखिर में भाई ही भाई के काम आता है ।
कथा मर्मज्ञ साध्वी निशा किशोरी ने आगे भगवान के 24 अवतारों का वर्णन किया तथा महाभारत की चर्चा करते हुए राजा परीक्षित के जन्म, भीष्म, कुंती स्तुति, पाण्डवों का स्वर्गारोहण एवं परीक्षित जी को मिले शाप का वर्णन बड़े ही मार्मिक अंदाज में किया, जिसे सुन श्रोता भावविभोर हो उठे । कथा समाप्ति के उपरान्त मुख्य यजमान सतीश कुमार गिरी एवं उनकी पत्नी खुशबू गिरि के द्वारा भागवत भगवान् की आरती की गई तथा प्रसार का वितरण किया गया । मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे, वहीं यज्ञ समिति से जुड़े लोग व्यवस्था सुचारू बनाने में जुटे रहे ।
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