कवियों ने खूब जमाया रंग, बजती रही तालियां

खूब सजी तालियां 


समस्तीपुर। विद्यापति राजकीय महोत्सव के दूसरे दिन सोमवार को विद्यापति धाम स्थित कला मंच पर आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी कविता से ऐसा समा बांधा के घंटों श्रोता तालियों की गड़गड़ाहट करते नजर आए । बिहार के अलग - अलग क्षेत्रों से आए कवियों ने बिहार की संस्कृति से लेकर भक्ति, श्रृंगार एवं ओज की कविताओं से श्रोताओं को घंटों साहित्य, संगीत और कला की दुनिया में हिचकोले खाने पर विवश कर दिया ।

कवि सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन एसडीओ प्रियंका कुमारी, वीडियो प्रकृति नयनम,अंचलाधिकारी अजय कुमार विद्यापति परिषद के अध्यक्ष गणेश गिरी कवि ने विद्यापति के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया। 

इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में बेगूसराय जिले के मंसूरचक के पत्रकार व कवि मिन्टू कुमार झा की कविता रब को भी ऊपर देखों अपने भीतर डर देखों,मंदिर में है बैठा रब,मत उसको पत्थर देखों की श्रोताओं ने जमकर प्रशंसा की ।

दलसिंहसराय की कवयित्री प्रीति प्रियदर्शनी की कविता शिशिर कै शुरुआत भेल, वर्षा अब उमद दरार भेल, बारिश के बूंद देख हमर लेखनी आय कविराज भेल पर खूब तालियां बटोरी। साहित्यकार सुरेश शेनोय की कविता सर्द मौसम की ये गर्मियां ठीक है,ए मेरे दिल ये नजदीकियां ठीक है पर तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा परिसर गूंज गया। सीताराम शेरपुरी की रचना जहां माली काटे शांख छांव का क्या होगा,जहां चोर उचक्के मुखिया हो सरपंच गांव का क्या होगा,खूब तालियां बटोरी।

साहित्यकार आलोक रंजन ने सुनाया अहां छी शान मिथिला के, अहीं पहचान मिथिला के,अहां के की करू वर्णन अहीं अभियान मिथिला के लोगों ने खूब सराहना किया। शैलेंद्र शर्मा त्यागी,कुशेश्वर प्रसाद सिंह, रंजना अंगवानी, वैष्णवी कुमारी, दिनेश प्रसाद, अरूण मालपुरी, ईश्वर करूण, उमेश कुंवर कवि, सत्संग भारद्वाज, विनोद समीर, गगनदेव चौधरी,आदि कवियों ने कविता पाठ किया। 

 कवि सम्मेलन की अध्यक्षता गणेश गिरी कवि के द्वारा किया गया, जबकि मंच संचालन वरिष्ठ कवि व सेवानिवृत्त शिक्षक सीताराम शेरपुरी के द्वारा किया गया । मंच पर उपस्थित सभी कवियों को जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने सम्मानित किया । इस अवसर पर बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी श्रोताओं की उपस्थिति बनी रही जिनमें चतुरानंद गिरी, शंकर गिरी, देवनारायण गिरी,पंचानन गिरी, भूपेंद्र सिंह, कैलाश पासवान प्रमुख है ।


समस्तीपुर से विकास कुमार पाण्डेय की रिपोर्ट 

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