दुनिया पूजे उगता सूरज, हम ढलते के भी पूजारी है..!अस्ताचलगामी सूर्य को आज दिया जाएगा पहला अर्ध्य

 दुनिया पूजे उगता सूरज, हम ढलते के भी पूजारी है....


Samvad AapTak:
   लोक आस्था एवं सूर्य उपासना का महापर्व छठ के तीसरे दिन व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे। रविवार को होने वाली संध्याकालीन अर्घ्य को लेकर विद्यापति नगर प्रखंड में विभिन्न छठ घाटों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है, इसको लेकर कई दिनों से युवाओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा तैयारी की जा रही थी । मऊ बाजार के अखाड़ा घाट पर नवयुवक छठ पूजा समिति द्वारा छठ महोत्सव 2022 का आयोजन किया गया है । इस अवसर पर समिति से जुड़े सदस्यों ने घाटों की साफ-सफाई के साथ-साथ प्रकाश एवं जगह-जगह तोरण द्वार लगाएं हैं । उधर कष्टहारा घाट पर भी छठ महोत्सव को लेकर तैयारी अंतिम दौर में है समिति से जुड़े रमन झा ने बताया कि हर साल की भांति इस साल भी छठ महोत्सव पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ साथ मूर्ति पूजन एवं भव्य पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है ।


      सादगी और संयम का प्रतीक महापर्व छठ उगते और डूबते सूर्य की पूजा करने वाला एकमात्र पर्व है. यह कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष में षष्ठी तिथि को मनाया जाता है ।

 मान्यता है कि शाम के समय सूर्य देव अपनी अर्धांगिनी देवी प्रत्युषा के साथ समय बिताते हैं. यही वजह है कि छठ पूजा में शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य  देते समय उनकी पत्नी देवी प्रत्युषा की भी उपासना की जाती है. ऐसा करने से व्रती की मनोकामनाएं जल्द पूर्ण होती हैं. यह भी मान्‍यता है कि डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन की कई समस्याओं, स्वास्थ्य समस्‍याओं आदि से छुटकारा मिलता है ।

विकास कुमार पाण्डेय की रिपोर्ट; समस्तीपुर 

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