दीपावली आज, लक्ष्मीनारायण मंदिर में उमड़ेगा आस्था का जनसैलाव
विकास कुमार पाण्डेय, समस्तीपुर
विद्यापतिनगर (समस्तीपुर)। सोमवार को दीपावली का त्योहार पूरे देश में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है, इसके लिए कई दिनों से तैयारी की जा रही थी, सभी और साफ सफाई की गई है तथा स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया गया है । घरों को आकर्षक ढंग से अनेक रंगों में रंगा गया है, इसके अलावा विभिन्न मंदिरों एवं पूजा पंडालों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है।
प्रखंड मुख्यालय विद्यापति नगर, वाजिदपुर, शेरपुर, हरपुर बोचहा, खनुआ, मनियारपुर, सिमरी एवं मऊ बाजार स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर मैं पूजा अर्चना के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही मंदिर में पहुंचकर माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना कर रहे हैं । मऊ बाजार स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर लोगों के लिए आस्था का विशेष केंद्र बना हुआ है, यह क्षेत्र का सबसे आकर्षक मंदिर है, यहां श्री लक्ष्मीनारायण की पूजा सालों भर होने के कारण यह मंदिर लोगों के बीच आस्था और विश्वास के केंद्र के रूप में देखा जाता है । लक्ष्मी पूजा समिति कई दिनों से तैयारियों में जुटा है इनमें सुजीत गुप्ता, राजेश जायसवाल, हेमंत कुमार साह, अनिल राय, ऋतुराज प्रसाद, डॉ सुनील कुमार साह प्रमुख हैं । मंदिर में लक्ष्मीनारायण की पूजा अर्चना पंडित विनोद झा एवं संजय भट्ट के द्वारा की जा रही हैं ।
लक्ष्मी पूजा के संबंध में क्या कहते हैं धर्मशास्त्री?
धर्म शास्त्रियों एवं पंडितों के अनुसार आज चंद्रमा बुध के साथ कन्या राशि में होंगे। साथ ही सूर्य और शुक्र तुला राशि में रहेंगे। ऐसे में अबकी बार दीपावली पर यह बहुत ही अच्छा संयोग है। ऐसे में शुभ लाभ की प्राप्ति के लिए दीपावली पर की गई लक्ष्मी पूजा मंगलकारी सिद्ध होगी ।
विज्ञापन:-
दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करने से धन, वैभव और शुभता में वृद्धि होती है। दीपावली को लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है। इसमें भी स्थिर लग्न की प्रधानता होती है।
इस साल दीपावली पर सूर्य ग्रहण का साया है क्योंकि अमावस्या तिथि में सूर्य ग्रहण का सूतक काल प्रारंभ हो रहा है। है ।
लक्ष्मी-कुबेर स्त्रोत व मंत्र
धन की देवी लक्ष्मी जो धन देती हैं, उसके साथ मंगल का भाव जुड़ा होता है। धन के देवता कुबेर के साथ लोक कल्याण का भाव प्रत्यक्ष नहीं है। लक्ष्मी चंचला हैं, वे कभी एक स्थान पर नहीं रहती। आज किसी एक के पास हैं तो कल दूसरे के घर की शोभा बढ़ाती हैं। कुबेर देव के द्वारा दिया गया धन खजाने के तौर पर पड़ा रहता है। कुबेर देवी-देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं, जब उनकी कृपा होती है तो धन प्राप्ति के योग बनने लगते हैं।
विज्ञापन:
कुबेर देव को प्रसन्न करना है तो निम्न मंत्र का नियमित जाप आर्थिक संपन्नता देता है-
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धन-धान्यं स्मृद्धि देहि दापय दापय स्वाहा।
यह जाप करते हुए बेसन के लड्डू या केसर की बर्फी का भोग लगाना चाहिए तथा थोड़ा गंगाजल जाप करते हुए पास में रखें। जाप पूरा होने के बाद (कम से कम 108 बार 1 माला गंगाजल व्यापार स्थल की दीवार पर छिड़क दें तथा मिठाई बच्चों में बांट दें। यह व्यापारी लोगों को विशेष लाभ देने वाली साधना है।
लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ नित्य करना चाहिए। इससे लक्ष्मी प्राप्ति होती है और ऋण मुक्ति होती है। यह इस प्रकार है-
त्रैलोक्य पूजिते देवि कमले विष्णु वल्लभे।
यथा त्वमचला कृष्णे तथा भव मयि स्थिरां॥
कमला चंचला लक्ष्मीश्चला भूति हरिप्रिया।
पद्मा पद्मालया सम्पद रमा श्री पद्मधारिणी॥
द्वादशैतानि नामनि लक्ष्मी संपूज्य य: पठेत्
स्थिरा लक्ष्मी भवेत् तस्य पुत्रादिभि: सह॥
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें