मऊ बाजार के पुरानी दुर्गा मंदिर में निशा पूजा पर उमरा भक्तों का जनसैलाब

रिपोर्ट, विकास कुमार पाण्डेय 


संवाद आपतक न्यूज:
विद्यापतिनगर प्रखंड के मऊ बाजार स्थित पुरानी दुर्गा मंदिर में रविवार को माता कालरात्रि की पूजा अर्चना को लेकर आस्था और विश्वास का जनसैलाब उमड़ पड़ा। नौ दिवसीय शक्ति-आराधना में आज के इस सातवें दिन का विशेष महत्व है। माँ कालरात्रि • इस बात की आश्वस्ति हैं कि इस सृष्टि में तामसिकता तमाम साधनों और संसाधनों से रक्षित होने के बावजूद भी सात्विकता के सम्मुख बहुत देर तक अविजित नहीं रह सकती। इसे लोग निशा पूजा के नाम से भी जानते हैं। शारदीय नवरात्रि के सातवेंं दिन देवी के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है।

         निशा पूजा के मद्देनजर रविवार को मंदिर तथा देवी की प्रतिमाओं को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। निशा पूजा की विधिवत शुरुआत रात्रि करीब 9 बजे मंदिर के मुख्य पूजारी पंडित विनोद चन्द्र मिश्रा द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुई, जो मध्यरात्रि 12 बजे संपन्न होगी। पुरानी दुर्गा पूजा समिति के कोषाध्यक्ष गोविंद मिश्रा ने बताया कि यह मंदिर करीब 150 वर्ष पुराना है।  यहां नवरात्रि में निशा पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन माता को छप्पन भोग क्या प्रसाद चढ़ाया जाता है एवं मध्य रात्रि में मध्य रात्रि में बलि प्रदान किया जाता है, साथ ही महाआरती का आयोजन भी किया जाता है।

दुर्गा सप्तशती के प्रथम अध्याय में भगवान ब्रह्मा ने तीन रात्रि का वर्णन किया है, पहला कालरात्रि, दूसरा महारात्रि और तीसरा मोहरात्रि। अध्यात्म और साधना की दृष्टि से तीनों रात्रि का बहुत महत्व है। साधक तीनों रात्रि को लेकर काफी गंभीर रहते हैं। कालरात्रि में मां काली की पूजा होती है। महारात्रि दुर्गापूजा में अष्टमी को होती है और मोहरात्रि जन्माष्टमी की रात्रि को  कहा जाता है। इन तीनों में कालरात्रि का विरोध महत्व है, इसी कारण सुबह से ही मंदिर परिसर भक्तों से पटा रहा, दिन ढलते ही मंदिर परिसर भक्तों से खचाखच भर गया | समाचार प्रेषण तक निशा पूजा ज़ारी है|

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