शनिवार को रखें जितिया का व्रत : पंडित सुबोध मिश्रा



संवाद आपतक न्यूज: 
 संतान की दीर्घायु जीवन की कामना के लिए माताएं जितिया व्रत का अनुष्ठान करती है। इस व्रत ये अष्टमी तिथि में निर्जला उपवास रखती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका (जितिया) का व्रत रखा जाता है। इसे जीवित्पुत्रिका, जितिया या जिउतिया व्रत के भी नाम से जाना जाता है।

                 इस साल जितिया व्रत 17 या 18 सितंबर को है, इस बात को लेकर लोगों में संशय की स्थिति बनी हुई है। शास्त्र के जानकारों के अनुसार इस वर्ष जितिया का व्रत 17 सितंबर को मनाया जाना चाहिए।पंडित सुबोध मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष जितिया व्रत के लिए शुक्रवार 16 सितंबर को नहाय- खाय एवं 17 सितंबर (शनिवार) को निर्जला उपवास रखा जाएगा तथा 18 सितंबर (रविवार) को संध्या 4:49 मिनट के बाद पार्वन (पारण) किया जाएगा। पंडित श्री सुबोध मिश्रा ने कहा कि यह व्रत अष्टमी तिथि में रखा जाता है, जितिया व्रत में सप्तमी उपरांत अष्टमी तिथि होना शुभ माना जाता है, इसी कारण शनिवार 17 सितंबर को ही यह व्रत रखा जाना चाहिए ।

        इस व्रत को मुख्य रूप से भारत में बिहार, झारखण्ड और उत्तर प्रदेश तथा नेपाल में मनाया जाता है। इस जितिया व्रत का नाम गंधर्व राजकुमार जीमूतवाहन के नाम पर रखा गया है।    

             कुछ अन्य विद्वानों का मत है कि  इस साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 17 सितंबर 2022 को दोपहर 2 बजकर 14 मिनट से लेकर 18 सितंबर 2022 को सायंकाल 4 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। चूंकि सनातन परंपरा में प्रत्येक पर्व उदया तिथि में मनाया जाता है, ऐसे में जितिया व्रत इस साल 18 सितंबर 2022 को ही मनाया जाना चाहिए और इसका पारण 19 सितंंबर को किया जाएगा।

रिपोर्ट; विकास कुमार पाण्डेय 

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